Bank of England की कहानी : Threadneedle Street की बुढ़िया


Threadneedle Street की रहस्यमयी कहानी : 










ब्रिटेन की राजधानी London के बीचों बीच है एक सड़क जिसका नाम है Threadneedle Street। इस सड़क पर रहती है एक बुढ़िया। कहते हैं, ये बुढ़िया नोटों से बनी पोशाक पहनती है और एक चमकते हुए सन्दूक पर बैठती है। कहानी कहती है कि England के प्रधानमंत्री एक बार उसके पास आए और उसे चूमने की कोशिश की। हालांकि, उनकी नजर बुढ़िया की जेब और सन्दूक में रखे सोने पर थी। इससे पहले कि प्रधानमंत्री सोना हड़पते, बुढ़िया समझ गई और प्रधानमंत्री को ही झड़प दिया। ये बुढ़िया आई कहां से? इसका क्या इतिहास है?


18वीं सदी की कहानी

बात है 18वीं सदी की। समुद्र में हुई एक जंग में ब्रिटेन बुरी तरह हार गया था। दोबारा ऐसा हार न हो, इसलिए Threadneedle Street पर बुढ़िया को खड़ा किया गया। बुढ़िया का काम था पैसे जमा करना और देना। बाकायदा भारत में शासन करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी को भी इस बुढ़िया से पैसा मिला। बुढ़िया लंबे समय से खड़ी-खड़ी थक चुकी थी, इसलिए 2nd World War की शुरुआत से ठीक पहले उसके बैठने के लिए एक सन्दूक बनाया गया। तब से बुढ़िया सन्दूक पर बैठी रहती है और ब्रिटेन के लोग उसे Threadneedle Street की बुढ़िया के नाम से जानते हैं।


 Bank of England का इतिहास

साल 1694 में बने Bank of England को Old Lady of Threadneedle Street क्यों कहते हैं? इस नाम के पीछे की एक दिलचस्प कहानी है। साल 1797 की बात है, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे विलियम पिट, जो ब्रिटेन पर बढ़ते कर्ज से परेशान थे। इस समस्या का हल उन्हें दिखाई दिया सोने के ढेर में, जो Bank of England के पास रखा हुआ था। वे चाहते थे कि Bank of England वह सोना सरकार को दे दे, जिससे बेचकर वे अपना कर्ज उतार सकें। हालांकि, बैंक ने मना कर दिया। इस रस्साकशी के बीच एक ब्रिटिश पत्रकार ने एक कार्टून छापा।


 कार्टून की कहानी

कार्टून में नोटों की पोशाक पहने जो बुढ़िया दिखाई दे रही है, दरअसल वही Bank of England है। कार्टून छपने के बाद Bank of England का एक नया नाम पड़ गया, जिसे लोग Old Lady of Threadneedle Street कहकर बुलाने लगे। कार्टून में गौर करेंगे तो बुढ़िया एक चमकते सन्दूक पर बैठी हुई है। यह सन्दूक और कुछ नहीं Bank of England का खुफिया तहखाना है, जिसमें छुपा है लाखों-करोड़ों का सोना।


 Operation Fish की कहानी

साल 1939 की बात है। कनाडा के मोंट्रियल शहर में सन लाइफ बिल्डिंग में रोज की तरह काम चालू था। यह बिल्डिंग एक इंश्योरेंस कंपनी का दफ्तर था, जिसके बाहर अमूमन मामूली सिक्योरिटी रहती थी। सितंबर महीने में अचानक सुरक्षा एकदम कड़ी कर दी गई। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस के गार्ड अब हर वक्त बिल्डिंग के बाहर तैनात रहते थे। किसी को पता नहीं था कि ऐसा अचानक क्यों हुआ। लोगों को शक था कि बिल्डिंग में ब्रिटेन के शाही जेवर रखे हुए हैं। दरअसल, हिटलर ने पोलैंड पर हमला किया था और सेकंड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत हो गई थी। युद्ध की आशंका देखते हुए ब्रिटेन ने अपना बहुत सारा सोना जहाज में लादकर कनाडा भिजवा दिया। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन फिश का नाम दिया गया।


 

तहखाने का रहस्य

जो सोना ब्रिटेन ने कनाडा पहुंचाया था, उसकी कीमत आज के हिसाब से 45 लाख करोड़ रुपये थी। दुनिया के इतिहास में इससे पहले कभी इतना सोना एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया गया था। कनाडा में यह सोना सन लाइफ बिल्डिंग के तहखाने में रखा गया, जिसके बारे में कंपनी के कर्मचारियों को भनक तक नहीं थी। युद्ध खत्म होने के बाद यह सोना वापस ब्रिटेन लाया गया और इसे रखा गया Threadneedle Street की बुढ़िया के तहखाने में।


अब चलिए जानते हैं कैसा है ये तहखाना और 21वीं सदी में यहां कितना सोना रखा हुआ है

 थ्रेड नीडल स्ट्रीट की सड़कों से गुजरते हुए आम लोगों को शायद एहसास ना हो उनके ठीक नीचे बने हैं Bank of Ingland के तहखाने तहखाने में 



नीले रंग की शेल्फ में रखी जाती हैं सोने की ईंटें, एक ईंट का भार लगभग 12 किलो और एक ईंट की कीमत लगभग ₹4 करोड़ बैंक ऑफ इंग्लैंड के नीचे से आठ तहखाने हैं दुनिया में कुल सोने का 20%  हिस्सा इन्हीं तहकाने  में रखा हुआ है जिसका कुल भार है 6256 टन इस खजाने की कीमत कितनी है लगभग ₹ लाख करोड़ चूंकि इंग्लैंड का बैंक है लिहाजा तहखाने में रखा देखतर सोना ब्रिटेन की सरकार का है हालांकि दुनिया के 30 और देश हैं और 25 बैंक ऐसे हैं जो इस तहखाने में अपना सोना रखते हैं इस तहखाने की Security कैसे होती है BBC की रिपोर्ट के अनुसार इन तहका में घुसने के लिए जो ताले लगे हुए हैं उनमें लगने वाली चाबियां 3 फीट लंबी होती हैं एक और दिलचस्प बात सुनिए BBC की रिपोर्ट के अनुसार हर तहखाने में कितना सोना रखा जा सकता है इसकी भी एक लिमिट है ये लिमिट इसलिए लगानी पड़ती क्योंकि लंदन की जमीन चिकनी मिट्टी की बनी हुई है ज्यादा भार से जमीन धसने लगती है और सोना होता है काफी डेंस धातु सोने की एक ईंट उसी साइज की लोहे की ईंट से दोगनी भारी होती है इसलिए तहखाने में तय लिमिट में ही सोना रखा जा सकता है और जैसा पहले बताया इसी के चलते बैंक ऑफ इंग्लैंड में एक नहीं कुल आठ तहखाने हैं 


तहखाने का रहस्य और भूत 

तहकाने  की बात करें और लूट की कहानी ना हो रेयर ही ऐसा होता है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि लंदन के बीचोबीच रखे इस खजाने को चोरी करने की एक भी कोशिश नहीं हुई 3 साल में एक बार भी नहीं आलग एक किस्सा है जब तहकाने  की रखवाली करने वाले गार्डों को भूत की आवाज सुनाई देने लगी 


Bank of Ingland की website के अनुसार कहानी कुछ यूं है कि एक बार एक व्यक्ति लंदन के नीचे बहने वाले सीवर्स की मरम्मत का काम कर रहा था काम करते उसका हाथ एक पत्थर पर पड़ा पत्थर हिल रहा था उसने उसे हटाकर देखा वहां एक रास्ता बना हुआ था व्यक्ति उस रास्ते के अंदर घुसा उसने पाया कि वो एक खुफिया रास्ता था जो सीधा Bank of Ingland  के नीचे बने तहखाने तक जाता था वह व्यक्ति चाहता तो तहखाने का माल लेकर जपत हो सकता था लेकिन उसके दिमाग में एक दूसरा ख्याल आया उसने बैंक के मैनेजर के नाम एक चिट्ठी लिखी और बताया कैसे तहखाने की सुरक्षा में एक सुराख है




 उसने लिखा वोह दो बार तहखाने के अंदर जा चुका है यह सुनकर बैंक के अधिकारी चौके बैंक में आज तक चोरी नहीं हुई थी सुरक्षा इतनी चाक चौबंद थी कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता था लिहाजा उन्होंने उस सीवर वाले की बात को सीरियसली नहीं लिया एहतियातन हालांकि जांच के आदेश दे दिए गए पुलिस ने तहकीकात जो की सिक्योरिटी की पूरी जांच हुई लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला उन्होंने खत को फर्जी करार दे दिया इसके कुछ दिन बाद बैंक के पास एक और खत आया इस बार खत लिखा था सीवर कर्मचारी की पत्नी ने वो अपने पति को सच्चा साबित करना चाहती थी इसलिए उसने इस बार अपने पति से तहका के अंदर रखा एक खाली डब्बा मंगवाया और उसी में डालकर खद भेजा उसने लिखा आधी रात को दो लोग तहका नहीं के अंदर जाएं और दरवाजे को अंदर से बंद कर लें अधिकारियों ने ऐसा ही किया उन्हें अब तक सुरक्षा में कोई झोल नजर नहीं आया था लिहाजा आधी रात को तहका में जाकर वो चिल्लाने लगे कौन भूत है अभी सामने आए इतना कहना था कि अचानक उनके कंधे पर किसी ने हाथ रखा पीछे मुड़कर देखा तो वहां वही सीवर वाला आदमी खड़ा था उसे देखकर बैंक अधिकारी डर गए सीवर कर्मचारी ने समझाया कि तहका के नीचे एक गुप्त रास्ता है जो सीधा सीवर से मिलता है यह सुनकर अधिकारियों की जान में जाना आई एक ईमानदार व्यक्ति के चलते बड़ी लूट की घटना होने से बच गई थी इसलिए बैंक ने सीवर कर्मचारी को आज के हिसाब से ₹ 25लाख ईनाम में दिए और गुप्त रास्ते को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया Bank of Ingland  में इसके बाद चोरी की कभी कोशिश नहीं हुई 


आज भी Threadneedle Street की बुढ़िया एकदम महफूज है और अपनी जगह पर सोने से भरे सन्दूक में बैठी रहती है। ब्रिटेन के लोग उसे आज भी इसी नाम से जानते हैं और यह बुढ़िया Bank of England का प्रतीक बन गई है।








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